गुरुवार, 30 अक्तूबर 2008

मैं और मेरी नौकरी -पार्ट 2

रसातल मिला कर हमारे यहाँ ५ माले हैं। रसातल जैसा नाम है वैसा ही है ...बरसात में सर्वर रूम के कंप्यूटर बेचारे मेंडक बन के अपनी जान बचाते है। भाई अब जब बारिश होगी तो पानी कही न कहीं तो जायेगा ही, सड़क पर भरने के बाद तो रूम्स में ही तो जायेगा न। अब हम कोई नगर निगम तो है नही तो पम्प लगा के पानी बहार फेंक देंगे। वैसे रेसन्त्ली हमारी लीडरशिप टीम की मीटिंग में यह मुद्दा उठा था, हम लोग अपने कार्यालय को एनवायरनमेंट फ्रीएंद्ली बनाने का सोच रहे है ...शायद अगली साल तक वाटर-हार्वेस्टिंग प्लांट लगा देंगे। इससे आए दिन शौचालयों में होने वाली पानी की किल्लत भी मिट जायेगी।

हमारा सारा कार्यालय वातानुकूलित है। बस हम कार्बन क्रेडिट्स एअर्ण करने के कारन चलते नही। वैसे पाये तो फायर एक्ष्तिउन्गुइशेर्स भी है और स्मोके देतेक्टोर्स भी लेकिन हम उनको बंद ही रखते है क्युकी चलने से पैनिक फैलता है।

1 टिप्पणी:

Dinesh ने कहा…

सन्जय भाई दिल खोल के रख दिया आपने