"कलयुग जाने वाला है और सतयुग आने वाला है" गुरु जी ने हाल में ही गायतुंडे सर, सरताज सर और वात्स्या मेम को इस सच्चाई से अबगत कराया है| जैसे ही मुझे इस बात की भनक पड़ी तो सोचा सभी कार्यछेत्र के साथियों को भी आगाह कर दूँ, आखिर आपके लिए मेरी भी तो कोई जिम्मेदारी बनती है है न|
श्रद्धेय गुरु जी ने अपने ग्रन्थ में आड़ी टेढ़ी लकीरों और हाथ के छापों के जरिये हमको भविष्य में होने वाली घटनाओ और परिवर्तनों से दो चार होने के रहस्य बहुत ही सरलता से बताये है| जो मैं समझ पाया वो आपको भी परोस रहा हूँ|
इस युग में बंजर होती धरती और बढ़ता प्रदूषण हम सब को तैयार कर रहा है कि हम नए ज़माने में पेड़ पौधों पर अपनी निर्भरता कम करें और गऊ माता और पीपल के पेड़ से प्रेरणा लेकर कार्बोन डाई ऑक्साइड से साँसे लेना सीखें| आप लिख लीजिये कुछ ही दिनों में नौकरी के विज्ञापनों में कार्बोन डाई ऑक्साइड से सांस लेने वालों को बहुत प्राथमिकता मिलने वाली है| एयर प्यूरीफायर और इस युग के वर्कर्स और कार्यालय जो ऑक्सीजन पर काम चलाते है उन पर नये युग में विभन्न गंभीर धाराओं के अंतर्गत कार्यवाई की जा सकती है|
सतयुग में बॉस एम्प्लोयी जैसी कोई रिलेशनशिप नहीं रहेगी सब सामान होंगे और "अहम् ब्रम्हास्मि" का मन्त्र सबको एक सामान दर्जा और ऊर्जा प्रदान करेगा | कोई भूख से नहीं तड़पेगा क्युकी गुरु जी द्वारा आविष्कारित गोली सबको भूख प्यास से निवृत कर देगी| और जब पेट में भूख की आग नहीं होगी तो इंसान काम करने या न करने के लिए पूर्णता स्वतंत्र होगा | हाँ इससे यह ज़रूर हो सकता है की फ एंड बी कम्पनीज को कुछ नया ही काम सोचना पड़े |
नए युग में कुछ भी गलत या सही नहीं होगा तथा भाषा पर कोई रोक टोक नहीं होगी, सब एक दूसरे को उच्च श्रेणी के उदबोधनो एवं विशेषणों से बुला सकेंगे | संस्कार और सदाचार जैसे शब्दों की परिभाषा में आमूल चूल प्रतिवर्तन निश्चित है | कार्य संभंधित पत्राचार और इन्टरपेर्सनल रिलेशन्स में भी नए शब्दों और वाक्यों का प्रयोग आम बात होगी| नयी व्याकरण सिखाने के लिए अनेकों अनेक अध्यापकों की ज़रूरत पड़ने वाली है|
रिश्ते नाते, समाज, विश्व, यारी दोस्ती व रोजी रोटी जैसे बोझों का विनाश होना बहुत ही आवश्यक है, "अहम् ब्रम्हास्मि" के गुरुमंत्र को पूर्णता अंगीकार करने के लिए | इस गूढ़ अर्थ को अनगिनत लोगों ने समझ कर अपनी दिनचर्या में शामिल भी कर लिया है तभी तो एक दूसरे का गला काटने पर तुले हैं| आखिर सतयुग में जाने की जल्दी सबको है| मैं तो रेडी हूँ और आप?