काले पानी की सज़ा
आज भोर होते ही उठा और रोज की तरह ही बंद आखों के साथ गुसलखाने में घुसा और अपने अंदर के इंसान को जगाने के लिए बंद आखों के साथ नल की टोटी खोली और ठन्डे ठन्डे पानी के ४-५ छीटें अपने मुख को समर्पित करने का दुस्साहस किया| आप बोलोगे इसमें नया क्या ?
नया भाई यह, कि तौलिये से रगड़ के अपना थोबड़ा जब आईने में निहारा तो पता चला कि कांड हो गया | हम तो बिना कुछ किये ही मुंह काला करा आये| इससे पहले मिसेज देखती और मेरा तिया पांचा करती जल्दी से मैंने ऑफिस से चुरा के लाये गए पानी से इस कलंक को साफ़ किया और इज़्ज़त बचाई|
अपन तो खुश थे की चलो आज दन्त सुरक्षा और स्नान से मुक्ति मिली, पर क्या पता था कि गुसलखाने से शुरू हुआ यह तूफान अब रसोई तक पहुंचकर चक्रवात का रूप धारण कर चूका है| किचन से आती हुई गर्जना हमारा दिल बैठाये जा रही थी और पैरों के नीचे से ज़मीन भी निरंतर खिसका रही थी | नित्य कर्म से लेकर पोछा-बर्तन से लेकर नाश्ता, सब जगह "आज नहीं " का बोर्ड लग चूका था|
आदेश मिलते ही हमने आपातकालीन नम्बरों को घनघनाया तो पता चला कि यह तो हमारे ११२ वाले नंबर की ही तरह है जो १० बजे के बाद ही कुछ बोलता है| कोई नहीं हम भी तो प्रोसेस फॉलो करने में माहिर है और कई प्रयत्नों के बाद आखिरकार वह जादुई शिकायत नंबर १०३२६५८ पा ही लिया| पूर्ण विश्वास के साथ बैठे है कि शिकायत बंद का मैसेज बस आता ही होगा|
शिकायत नंबर देने वाले भैया ने फ़ोन पर ही हमारी दुविधा निवारण का भरपूर प्रयत्न कियाा और बताया की सब जगह की टोटी खुली रहने दे| काले से सफ़ेद अपने आप हो जाएगा| बुरा हो इन स्कूल वालों का जिन्होंने आज ही अवकाश करना था और उससे भी बुरा हो ऐसी शिक्षा का जिसने हमारी नौनिहाल को ही मुझे जल संचय पर लेक्चर पिलाने पर विवश कर दिया|
माहौल बिगड़ता देख मैं तो जल्दी से कार्यालय के लिए कलटी हो लिया परन्तु जो शाम को जाते ही जो ब्रश लेके गुसलखाने की सफाई का जो फरमान प्राप्त होने वाला है उसे सोच के ही ठिठुरन आ रही है|
समझ नहीं पा रहा, कि हमारे "काले पानी की सजा" स्वतंत्रता सैनानियों की "काले पानी की सजा" से कम है क्या!!!