आज बैठे बैठे यह ख्याल आया कि थोड़ा टाइम ही बरबाद किया जाए, इसलिए खोपडी पर कम होते बालों को खुजाते हुए सोचा चलो कुछ अपनी नौकरी के बारे में ही लिख दिया जाए। नौकरी वैसे बड़ा ही अजीब सब्द है, मुझे आज तक न पता चला कि इसके सही मायने क्या है। पर मुझे क्या मुझे तो कुछ बकवास करनी है तो कर रहा हूँ।
सुना है हमारे कार्यालय मैं ७०० लोग काम करते hain लेकिन आप मेरा यकीन जानिए मैं सिर्फ़ २०-३० से ही मिल पाया हूँ पिछले ६ साल में (आप भी सोच रहे होंगे कि मैं कितना आलसी हूँ....सही सोचा !!)। अब आप यह पूछिएगा कि इन २०-३० में कितने पुरूष और कितनी महिलएं हैं। कैसा प्रशन है - मैं कोई जनसँख्या अधिकारी हूँ !
चलिए अब आपको कार्यालय के अंदर ले चलता हूँ, अरे अंदर कैसे पहले बहार का वर्णन तो कर दूँ। जैसे ही आप हमारे कार्यालय के बाहर कदम रहेंगे आपको ट्रैफिक जाम का सा अनुभव होगा और हमारे अदमिन के लोग बिल्ला लटकाए जाम को निहार रहे होंगे साथ में सिक्यूरिटी गौर्ड लिए। अरे आप भी न - भाई उनका काम ऑफिस का एडमिनिस्ट्रेशन देखने का है न कि ट्रैफिक जाम देखने का। हमारे यहाँ के एम्प्लोयीस भी बड़े अच्कोमोदातिंग है और २० कार कि पार्किंग में १०० कार लगा देते है (आखिर दूसरे ओफ्फिसस कि खली ज़मीन है किसलिए)।
जैसे ही आप कदम गेट के अंदर रखेंगे आपका सामना २ काले काले यंत्रों से होगा जिसमे आपको आपकी ऊँगली डालनी होती है, जैसे ही आप ऐसा करते है यह यन्त्र कुछ अंग्रेज़ी में बोलते है और फिर कहते है ...पहचाना नही ... कोई नही ....हमारे अदमिन वाले नाम कॉपी में लिख लेते है ...मैं समझ गया ...मशीन आदमी कि जगह कभी नही ले सकती ।
अब बारी आती है आपकी तलाशी की, अपना झोला चेक करना होता है हमारी मुस्तैद सिक्यूरिटी को ...सुना है महिलाओं को इस पर बड़ी आपत्ति है - आज तक समझ न आया यह महिलाएं अपने झोले में लाती क्या है? बसता चेक्किंग के बाद आप सीधे पहुँचते है एक ऐसे एरिया में जहाँ लगता है जैसे पहारगंज के होटल पहुँच गए - आख़िर सोफा, भरे पानी के गिलास आपको वहां कि याद तो दिलाएंगे ही!
गुरुवार, 30 अक्टूबर 2008
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2 टिप्पणियां:
bahut khoob bahut khoob aapne 6 saalon main aapni company ke bahut hi andaroni raaz jaane hain. bahut khoob!!
Why don't you create a pocket dictionary so that it will be easy for new comers to understand the company culture better...?
Aap aur apke andaaz ki hum kehte rah gaye har baar.... Irshaad Irshaad!!!!
Hamari rashtriya bhasha ka usage to kaamal hai....aap jaise kaalakar aabhie tak samne kyun nahin aaye...!!!
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