इतिहास गवाह है, जब जब दुनिया में अधर्म बढ़ता है तो ईश्वर संसार को पुनः व्यवस्थित करने हेतु किसी न किसी रूप में प्रकट होते है| करोना ने जिस तेजी से दुनिया में फैलने में तत्परता दिखाई है उससे स्पष्ट है कि यह सूर्य देवता के प्रभामंडल उर्फ़ "करोना" का ही कोई स्वरुप है| जैसे सूर्य के करोना को विशेष उपकरणों से देखना पड़ता है वैसे ही इस करोना को भी|
जहाँ सब तरफ ग़फ़लत का माहौल है वही करोना के आगमन ने दूरगामी अवसर और नयी आशाएं भी जगाई है| आइये हम आज उन संभावनाओं से दो-चार होते है|
हम जैसे थुलथुले लोग जिनका व्यायाम और पौष्टिक आहार से दूर दूर तक कोई नाता न था, आज करोना जी की कृपा से भोर सवेरे सांस अंदर बाहर करते दिखाई दे रहे है| दिन में बीस बार हाथ धोने और सैनिटाइज़र लगाने के कारण हथेली की खाल सफ़ेद पड़ गयी है| जिनको मैं हाथ की रेखाएं समझ कर खुश होता था, अब पता चला की वो तो अपने ही हाथ का मैल थी| ऐसा कुछ दिन और चला तो #फिटइंडिया और #स्वस्थइंडिया का सपना बस सपना बनकर न रहेगा| |
हर वर्ष जो बच्चों की सालाना परीक्षा होते ही जो बाहरी तत्वों के दबाब के चलते जो परिवार को दुनिया भ्रमण का खर्चा लगता था वो करोना ने एक झटके में बचवा दिया| इस साल न तो कोई जानने वाला, न रिश्तेदार और न ही सोशल साइट्स पर पेरिस, मिलान, बैंकॉक के रमणीक चित्रों के साथ यात्रा बखान करके जलाने वाला, आपके परिवार को कतई इन्फुलेन्स नहीं कर पा रहा है| लेकिन आपकी यह ख़ुशी शायद कुछ साल ही रहेगी क्युकी उसके बाद आपके घर से मस्क साहेब के राकेट में करोना-फ्री मंगल गृह पर जाने की फ़रियाद सुनाई देने लगेगी|
हर बात पर #चलबाहरचलतेहैं आजकल #चलअपनेअपनेकमरेमेंरहतेहैं में परिवर्तित हो गया है इससे परिवार के सदस्य फिर से घर में ज़्यादा समय व्यतीत करने लगे है| ज़्यादा साथ रहने के बावजूद घरों में लड़ाइयां कम हो गयीं है क्युकी सबके मास्क लगाए रहने के कारण एक दूसरे के सड़े हुए और खिसयानी बिल्ली खम्भा नोंचे जैसे एक्सप्रेशंस दिख ही नहीं पा रहे|
बड़े बूढ़ों की सिखाई अनजान लोगों से मेल मिलाप नहीं करना चाहिए वाली कहावत आज चरितार्थ होती प्रतीत तो रही है| अनजान क्या आजकल तो हमको अपनों से भी मुँह छुपाने का अच्छा बहाना मिल गया है|
साल भर जो भर भर के आपके जले पर नमक डालते थे और होली वाले दिन गले मिलकर आपको सब भूल जाने को मज़बूर करते थे उन सब को करोना देवता ने एक झटके में में अलग थलग कर दिया है| इस बार वो आपके गले पड़ने का तो सोचेंगे भी न|
गिरता वैश्विक व्यापार और अर्थव्यवस्था दुनिया भर के व्यवसायिक प्रतिस्थानों के लिए एक सुखद समाचार से कम नहीं है| न तो अब किसी को हवाई यात्रा करानी न मंहगे होटलों में पैसा फूंकना, साथ ही साथ अब इन प्रतिष्ठानों को परफॉरमेंस अप्रैज़ल, रिऑर्गनिज़शन एवं राइट साइज़िंग जैसे भारी भरकम शब्दों का प्रयोग नहीं करना पड़ेगा हमको बाहर का रास्ता दिखाने या हमारी तनख्वाह को कुतरने के लिए|
#मीटू के चलते उत्पीड़न पर सवाल तो कई उठे परन्तु अभी तक सुरक्षा हेतु कुछ ख़ास हाथ न आया| करोना ने आते ही खांसी, जुखाम और बुखार जैसे लीथल हथियार उपलब्ध कराये हैं| जब भी आप किसी अवांछित स्तिथि में अपने आप को पाए तो बस आपने अपनी नाक को ६-७ बार सुढ़कना हैं और २-३ खों -खों करना है| कोई माई का लाल आपके सामने टिक जाए तो बताना|
संभावनाएं तो अपार है, आप उन पर विचार करिये तब तक मैं थोड़ी रिसर्च करके आता हूँ कि किसी बिल्डर ने अभी तक करोना नाम से प्रोजेक्ट क्यों नहीं लांच किया!!!
हैप्पी करो ना |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें